Premium Only Content
Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((1049))
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५६६(566)*
*राजा जनक*
*भाग-६*
राजा जनक के पास जब भी पिता श्री भेजते, हमेशा मन में विचार आता;
मैं ब्राह्मण, वह क्षत्रिय,
मैं सन्यासी, वह गृहस्थी,
मैं योगी, वह भोगी ।
मेरे पिता श्री को क्या हो गया । मुझे क्यों बार-बार उनके पास भेज रहे हैं । वह मेरे गुरु होने योग्य नहीं है । इस सोच में देवियों सज्जनों, जितनी शक्ति शुकदेव जी महाराज लेकर आए हुए थे, सारी की सारी नष्ट हो गई। कहते हैं किसी सत्पुरुष का, किसी सद्गुरु के बारे में, इस प्रकार की सोच का होना, उसकी जितनी भी शक्ति है, जितनी कला संपूर्ण आए हुए थे, शुकदेव जी महाराज सारी की सारी, दो चार ही बाकी रह गई ।
राजा जनक ने इनके साथ क्या किया, सबने पढ़ा है । आखिर पहुंच गए धक्का खा कर। चोट लगी । देवर्षि नारद ने कोई और रूप धारण करके तो इन्हें चोट मारी । क्या कर रहा है । तेरे पास कुछ नहीं रहा । इतना महान तू जन्मा था, अब उतना ही छोटा हो गया है । वामन हो गया है तू, बोना हो गया है तू । जा राजा जनक की चरण शरण में जा ।
राजा जनक ने कुछ दिन के बाद, परख के बाद, ज्ञान दिया है । नाम दान दिया है। शुकदेव जी के गुरु महाराज राजा जनक, छोटी बात नहीं, इतने बड़े आदमी का गुरु होना । कोई छोटा व्यक्ति नहीं हो सकता। अंदर से परमात्मा ने राजा जनक को कितना मालामाल किया हुआ होगा, वह शुकदेव जैसे बन गए, शुकदेव जी महाराज परंपरा के अनुसार राजा जनक को गुरु दक्षिणा देना चाहते हैं ।
उस दिन आपने देखा था याज्ञवल्क्य ने राजा जनक से उनका मन मांगा था । मुझे अपना मन दे दे । आज शुकदेव जी महाराज राजा जनक को गुरु दक्षिणा देना चाहते हैं । परंपरा के अनुसार गुरु महाराज नाम दान देते हैं, गुरु मंत्र देते हैं, तो शिष्य संस्कृति के अनुसार, शास्त्रों के अनुसार गुरु महाराज के श्री चरणों में गुरु दक्षिणा देता है, तो यह संबंध संपूर्ण हो जाता है । गुरु शिष्य का संबंध । यह साधारण संबंध नहीं । शरीरों का संबंध नहीं है । दो आत्माओं का संबंध है। आत्मिक संबंध है यह । यह छोटा मोटा संबंध नहीं है, गुरु शिष्य का संबंध ।
शुकदेव जी महाराज राजा जनक को गुरु दक्षिणा देना चाहते हैं । मुझे नहीं चाहिए राजा जनक कहते हैं । पर महाराज परंपरा के अनुसार एक शिष्य को गुरु महाराज को गुरु दक्षिणा देनी ही होती है । मैं मानता हूं कि आपको कुछ नहीं चाहिए, लेकिन मेरी और भी तो देखिए । मैं आपका शिष्य हूं। भाव पलटते देखो, गुरु धारण करते ही भावों में किस प्रकार से पलटन आ गई है । पलट गए भाव । मेरा धर्म है आप को गुरु दक्षिणा देना । ठीक है आप इतना ही आग्रह कर रहे हो, शुक जिस किसी चीज को तू निरर्थक समझता है, वह मुझे दे दे । खोज में निकल गए । धरती उठाई, निरर्थक है किसी काम की नहीं । शुक मैं निरर्थक नहीं । तू मुझ पर ही खड़ा है । मैं ना होती तो तू खड़ा कहां होता ? देख नदियां सागर सब मेरे ऊपर। मकान, महल, सब मेरे ऊपर । खेती-बाड़ी सब मेरे ऊपर । मैं निरर्थक कैसे हुई ? मैं तो बहुत सार्थक हूं । बहुत मूल्यवान हूं । मिट्टी हाथ में पकड़ी हुई थी छूट गई । छोड़ दी ।
किसी पत्थर को उठाया, निरर्थक है । यह किसी काम नहीं । आता पत्थर ने कहा शुक तुम भूले फिर रहे हो ।
यह जितने भी मकान बनते हैं,
जितने भी किले बनते हैं, सब मेरे से।
नदियों के किनारे मेरे से,
पुल मेरे से, इत्यादि इत्यादि अनेक सारे काम पत्थर ने भी गिना दिए ।
जब और कुछ दिखाई नहीं दिया मल को उठाया । यह निरर्थक है । इसे कोई भी अपने अंदर नहीं रखना चाहता । मल त्याग करता है हर कोई । उसे उठाया ।
कहा शुक मैंने तो सोचा था तू बहुत समझदार है । मेरे से अनेक कीड़े मकोड़े पोषण पाते हैं । मैं किसी के लिए निरर्थक हूं भी, तो दूसरों के लिए बहुत सार्थक हूं । खाद बनती हूं । फिर शुकदेव मेरा असली स्वरूप तो यह नहीं था । विष्ठा ज्ञान दे रही है, मल ज्ञान दे रहा है । मेरा वास्तविक स्वरूप यह नहीं था । अन्न के रूप में लोग चपाती बनाते, पराठी बनाते, चावल के रूप में उबालकर पुलाव बनाते, इत्यादि इत्यादि । वह खाते। विष्ठा कोई खाता नहीं, मल कोई खाता नहीं। मेरी बदकिस्मती कि मुझे इस शरीर का साथ मिला, कुसंग मिला, तो मेरी यह हालत हुई। यह विष्ठा मेरा असली स्वरूप नहीं है ।
माथा ठनका । विष्ठा को भी फेंका । तू भी निरर्थक नहीं है । तो निरर्थक क्या हुआ । निरर्थक वह देह है, जिसके संग से अन्न जैसी चीज भी विष्ठा बन जाती है, मल बन जाती
है । अर्पित करने वाली चीज है गुरु महाराज को, तो उसी वक्त निश्चय किया देहभाव ही अर्पण करने वाली चीज है । यह अहम ही गुरु महाराज को अर्पण करने की चीज है। यही सच्ची गुरु दक्षिणा है । और वही लेकर राजा जनक के चरणों में उपस्थित हो गया। लीजिए महाराज मेरा देह भाव, मेरा अहम भाव ही निरर्थक है । यह आप जी को समर्पित है, स्वीकार कीजिएगा ।
तो यहीं समाप्त करने की इजाजत
दीजिए । धन्यवाद ।
-
LIVE
Nikko Ortiz
1 hour agoThis Is Gonna Hurt... | Rumble LIVE
129 watching -
UPCOMING
Simply Bitcoin
1 day agoThe Bitcoin Crucible w/ Alex Stanczyk & Tomer Strolight - Episode 9
362 -
LIVE
Benny Johnson
52 minutes agoHow Good Your Life Could Be Under Trump's Mass Deportations | Citizens Cheer: 'AMERICANS First'
3,817 watching -
1:37:40
Graham Allen
2 hours agoAmerica vs Islam vs Socialism vs Anarchy……Who wins?!
111K758 -
LIVE
Wendy Bell Radio
5 hours agoWELCOME TO THE SEWER
7,626 watching -
47:14
The White House
1 hour agoVice President JD Vance Joins Breitbart’s Matthew Boyle for a Fireside Chat
6.06K3 -
LIVE
Major League Fishing
7 days agoLIVE! - Fishing Clash Team Series: Summit Cup - Day 5
213 watching -
LIVE
Badlands Media
7 hours agoBadlands Daily: November 20, 2025
3,276 watching -
1:11:28
Chad Prather
17 hours agoStanding Firm When the World Says Sit Down
78K48 -
LIVE
LFA TV
13 hours agoLIVE & BREAKING NEWS! | THURSDAY 11/20/25
2,872 watching