Premium Only Content
Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((1052))
धुन:
किसी से राग नहीं, किसी से द्वेष नहीं
आत्मा निर्लेप, मुझे कोई भी क्लेश नहीं ।
किसी से राग नहीं, किसी से द्वेष नहीं
आत्मा आनंद, मुझे कोई भी क्लेश नहीं ।।
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५६९(569)*
*WHO AM I(आत्मबोध)*
*याज्ञवल्क्य का आत्मदर्शन*
*भाग-१*
पूज्य पाद स्वामी जी महाराज ने आज याज्ञवल्क्य का आत्मदर्शन वर्णन किया है । आत्म दर्शन अर्थात आत्मा के बारे में ज्ञान, जानकारी का वर्णन किया है । दर्शन philosophy को कहते हैं । आत्मा की फिलॉसफी को, आत्मज्ञान को, आत्मबोध को, याज्ञवल्क्य के मुख से वर्णन किया है । आत्मा निर्लेप है, मुझे कोई भी क्लेश नहीं । क्लेश साधक जनो देह को है, आत्मा को नहीं । यह हम पर निर्भर करता है हम अपने आप को क्लेश वाली देह मानते हैं, या बिना क्लेश, क्लेश रहित आत्मा मानते हैं । उसी के अनुसार हमारे अनुभव भी होते हैं ।
जो अपने आप को देह मानते हैं, शरीर मानते हैं, उनकी समस्याएं भी हैं, उनको रोग भी होता है, उन्हें दुख भी होता है, उन्हें कष्ट क्लेश भी होता है । जो अपने आप को आत्मा मानते हैं, उन्हें कुछ नहीं होता । उनके शरीर को दुख होता है, उन्हें नहीं । उनके शरीर को क्लेश होता है, उन्हें नहीं । यह चाहे शारीरिक क्लेश है, चाहे मानसिक क्लेश है, यह सब देह के धर्म है ।
रोग देह को होता है, आत्मा को नहीं । समस्याएं शरीर के लिए है, आत्मा को कोई समस्या नहीं है । यह संबंध शरीर के हैं, आत्मा का कोई संबंध नहीं है । क्यों ? आत्मा दो नहीं, आत्मा एक है । तो फिर एक है, तो भक्ति के मार्ग में ऐसा कहते हैं कि हम सब एक ही परमात्मा के, एक ही माता-पिता के सपूत हैं । तो फिर द्वैत ही नहीं है तो संबंध किसके साथ होगा । आत्मा के नाते हम सब एक हैं, ऐसी धारणा साधक जनो बहुत उच्च ले जाती है, वास्तविक जो सत्य जो होती है । यदि व्यक्ति अपनी आत्मा में स्थित हो जाता है, उसे आत्मबोध हो जाता है, तो फिर साधक जनो लंबी-लंबी लाइनें लगाने की जरूरत नहीं पड़ती । यह उन्हीं को जरूरत पड़ती है, जिनको कोई देह का रोग है, कोई देह संबंधी समस्या है, कोई देह की problem है । मानो वह अभी देहभाव में ही स्थित हैं ।
शास्त्र कहता है, भक्त जनों हम सब नाम के उपासक हैं । हमारे लिए अत्यंत मार्मिक बात, जब तक देह बुद्धि दूर नहीं होगी, जब तक देह भाव दूर नहीं होगा, जब तक आप भगवत बुद्धि में स्थित नहीं होगे, आत्म बुद्धि में स्थित नहीं होगे । आप लाखों जाप कर लीजिए, करोड़ों जाप कर लीजिएगा, आपको शांति की प्राप्ति नहीं होगी । शांति इस जानकारी में है, शांति इस बुद्धि में है, ना की आत्म बुद्धि में । बहुत सुंदर सुंदर बातें हैं साधक जनो । आज चर्चा शुरू कर लेते हैं । जारी रखेंगे कल परसों ।
-
24:21
a12cat34dog
1 day agoGUITAR HERO AT DREAMHACK | HALLOWEEN 2025
12.7K8 -
17:14
GritsGG
14 hours agoWarzone Victory Number 3999! Most Winning Warzone Player!
7.61K -
22:15
The Pascal Show
1 day ago $3.77 earnedTEXTS REVEALED Charlie Kirk Head Of Security Breaks Silence On A**assination! Leaders Being Bought?
11.2K10 -
LIVE
Lofi Girl
3 years agolofi hip hop radio 📚 - beats to relax/study to
292 watching -
21:37
Forrest Galante
1 day ago6 Deadly Sea Monsters That Actually Exist
154K10 -
23:24
Stephen Gardner
13 hours agoYou WON'T Believe What Happened To Lindsey Graham
77.9K58 -
8:05:17
SpartakusLIVE
12 hours agoSolos on ARC: UNBANNED
264K12 -
30:29
Robbi On The Record
12 hours ago $12.56 earnedWhales Are Selling. Banks Are Nervous. Bitcoin analysis ft Simply Bitcoin Tv
29.1K9 -
2:28:12
vivafrei
20 hours agoEp. 291: More Epstein Documents! Stacey Plaskett SCANDAL! Butler Cover-Up, Tucker Smea & MORE!
222K285 -
6:06:22
xLuigi34x
11 hours ago100 Follower Special! Going to 100% The DKC Trilogy on stream!
57.5K9