kaheen Tu Hi Na Ho कहीं तू ही न हो Gazal

2 years ago
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याद कर कर के उसे वक़्त गुज़ारा जाए
किस को फ़ुर्सत है वहाँ कौन दोबारा जाए

शक सा होता है हर इक पे कि कहीं तू ही न हो
अब तिरे नाम से किस किस को पुकारा जाए

जिस तरह पेड़ को बढ़ने नहीं देती कोई बेल
क्या ज़रूरी है मुझे घेर के मारा जाए

उस हसीं शख़्स की ख़ातिर जो कहा है 'ताबिश'
कम है इस शे'र को जितना भी सँवारा जाए

"Poetry is when an emotion has found its thought and the thought has found words."

"कविता तब होती है जब भावना को उसका विचार मिल जाता है और विचार को शब्द मिल जाते हैं।"

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