जुलाई की वो रात That Night in July

2 years ago
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मैं ग्लानि से भरा ट्रेन में बैठा चला जा रहा था. वर्षों बीत गए हैं इस घटना को पर मैं ये जनता हूँ के गरिआ में कहीं मेरी एक संतान पल रही है

......कभी कभी मुझे अपने मनुष्य होने से भी घृणा हो जाती है.....मैंने जुलाई की उस रात का परिणाम उस औरत की गोदी में देख लिया था जिसका मैं नाम भी नहीं जानता था.

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