Premium Only Content
"एसाव का दुःख और याकूब का छल" उत्पत्ति 27:36
उत्पत्ति 27:36 (Genesis 27:36) एक महत्वपूर्ण पद है जिसमें एसाव, अपने भाई याकूब के धोखे का शिकार होने के बाद अपनी पीड़ा और आक्रोश को प्रकट करता है। इस पद का संदर्भ और विवरण इस प्रकार है:
संदर्भ और पृष्ठभूमि
उत्पत्ति 27 में, बाइबल की उत्पत्ति पुस्तक का यह अध्याय इसहाक, उनकी पत्नी रिबका और उनके जुड़वां पुत्रों याकूब और एसाव की कहानी को बताता है। एसाव और याकूब के बीच विवाद की शुरुआत उनके जन्म से ही होती है। याकूब और एसाव की मां रिबका ने अपने पति इसहाक से एसाव के बजाय याकूब को आशीर्वाद दिलाने की योजना बनाई।
इसहाक बूढ़े हो चुके थे और उनकी दृष्टि धुंधली हो गई थी। इस स्थिति का फायदा उठाकर, रिबका ने याकूब को एसाव की तरह प्रस्तुत किया ताकि वह इसहाक से आशीर्वाद प्राप्त कर सके। इस योजना के अंतर्गत, याकूब ने एसाव की वेशभूषा पहनी और उसके शरीर पर बकरी के बाल बांधे ताकि वह एसाव की तरह महसूस हो। याकूब ने इसहाक के सामने एसाव बनकर आशीर्वाद प्राप्त किया, जो असल में एसाव के लिए था।
पद का विश्लेषण
उत्पत्ति 27:36 (Genesis 27:36) हिंदी भाषा में इस प्रकार है:
“तब उसने कहा, क्या इस कारण उसका नाम याकूब नहीं रखा गया? उसने मुझे अब दो बार ठगा है: उसने मेरा जेठेपन का अधिकार छीन लिया और देख, अब वह मेरा आशीर्वाद भी ले गया है। तब उसने पूछा, क्या तू मेरे लिए कोई आशीर्वाद नहीं छोड़ रखता?”
यहाँ एसाव का बयान निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं को उजागर करता है:
नाम का अर्थ और धोखा: एसाव याकूब के नाम का उल्लेख करता है, जिसका अर्थ है "एड़ी पकड़ने वाला" या "धोखेबाज"। एसाव मानता है कि याकूब का नाम उसके कार्यों का प्रतीक है क्योंकि याकूब ने उसे पहले भी धोखा दिया था जब उसने एसाव से उसका जेठापन का अधिकार हड़प लिया था। अब, याकूब ने उसके आशीर्वाद को भी छीन लिया है।
दूसरी बार ठगे जाने की भावना: एसाव को लगता है कि याकूब ने उसे दूसरी बार छल से वंचित कर दिया है। पहली बार, याकूब ने एसाव के जेठापन का अधिकार (जो परिवार के सबसे बड़े बेटे का विशेषाधिकार था) एक कटोरे के बदले में प्राप्त किया था। दूसरी बार, याकूब ने अपने पिता इसहाक से एसाव के लिए निर्धारित आशीर्वाद को छलपूर्वक छीन लिया।
आशीर्वाद की महत्वता: एसाव अपने पिता से पूछता है कि क्या उसके लिए कोई आशीर्वाद बचा है। यह प्रश्न उसकी निराशा और निरुत्साहित मनोदशा को दर्शाता है। प्राचीन समय में, पिता का आशीर्वाद अत्यधिक महत्व रखता था, क्योंकि यह भविष्य की समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक था।
एसाव की प्रतिक्रिया और पीड़ा
एसाव की प्रतिक्रिया से उसकी गहरी पीड़ा, क्रोध और हताशा स्पष्ट होती है। वह महसूस करता है कि उसका जीवन का अधिकार और आशीर्वाद दोनों ही उससे छीन लिए गए हैं। यह घटना एसाव और याकूब के बीच आने वाले समय में गहरे विभाजन और संघर्ष का आधार बनती है।
उपयुक्त शीर्षक
इस घटना और एसाव की पीड़ा को संक्षेप में व्यक्त करने के लिए, एक उपयुक्त शीर्षक हो सकता है:
"एसाव का दुःख और याकूब का छल"
यह शीर्षक इस पद में व्यक्त एसाव की पीड़ा और याकूब के धोखे को बखूबी दर्शाता है।
-
6:28
Blessings in the Bible
13 hours ago“सीनै पर्वत पर परमेश्वर का प्रकट होना” निर्गमन 19:1-25#shortvideo #shorts #youtubeshorts #ytshorts
2 -
LIVE
Jeff Ahern
36 minutes agoNever Woke Wednesday!
66 watching -
44:30
DeVory Darkins
2 hours agoIlhan Omar dealt MAJOR BLOW after CNN host catches her in a lie
135K67 -
1:01:47
Timcast
3 hours agoTrump Orders "Complete Blockade" of Venezuela, Potential Act of WAR
125K94 -
2:53:04
Steven Crowder
5 hours agoVanity Fair's Susie Wiles Hit Piece: Who's To Blame PLUS Special Guest Jillian Michaels
409K548 -
12:52
The Kevin Trudeau Show Limitless
5 hours agoBeyond Good And Bad: The Hidden Reality Code
2964 -
28:25
The Boomer Effect
4 hours agoBridging the Divide: Manchin on Politics, Principles, & People First
2 -
LIVE
The Illusion of Consensus
1 hour agoYou’re Healing The Wrong Way - Meditation, Trauma & Awakening EXPLAINED | Loch Kelly
64 watching -
1:17:06
The Rubin Report
4 hours agoLeftist Insults Jillian Michaels on Piers Morgan & It Gets Brutal Fast
56.5K25 -
1:23:36
Sean Unpaved
3 hours agoMike McDaniel & Dolphins BENCH Tua Tagovailoa For Quinn Ewers! | UNPAVED
15.8K