Premium Only Content
उत्पत्ति 34:1-31: "दीनाह की त्रासदी और शिमोन और लेवी का प्रतिशोध"
उत्पत्ति 34:1-31: "दीनाह की त्रासदी और शिमोन और लेवी का प्रतिशोध"
उत्पत्ति 34 अध्याय याकूब की बेटी दीनाह की कहानी और उसके साथ हुई त्रासदी का वर्णन करता है। यह कहानी दीनाह के साथ हुए अन्याय और उसके भाइयों शिमोन और लेवी द्वारा लिए गए प्रतिशोध को दर्शाती है।
1. दीनाह का अपमान (उत्पत्ति 34:1-4)
दीनाह की कहानी (पद 1-2):
दीनाह का बाहर जाना: याकूब की बेटी दीनाह, जो लिआह से पैदा हुई थी, कनान की महिलाओं को देखने गई।
शेखम का अपमान: शेखम, हमोर का बेटा जो हिव्वी था, ने दीनाह को देखा, उसे पकड़ लिया और उसके साथ बलात्कार किया।
शेखम की इच्छा (पद 3-4):
प्रेम की दलील: शेखम ने दीनाह से प्रेम जताया और उसके साथ शादी करने की इच्छा प्रकट की।
हमोर की पहल: शेखम ने अपने पिता हमोर से कहा कि वह दीनाह को अपनी पत्नी के रूप में मांगे।
2. याकूब और उसके पुत्रों की प्रतिक्रिया (उत्पत्ति 34:5-12)
याकूब की प्रतीक्षा (पद 5):
याकूब की प्रतिक्रिया: याकूब ने सुना कि शेखम ने उसकी बेटी दीनाह का अपमान किया है, लेकिन अपने पुत्रों के आने तक शांत रहा।
हमोर का प्रस्ताव (पद 6-12):
हमोर का आगमन: हमोर ने याकूब से मिलने का निर्णय लिया ताकि दीनाह के विवाह की बात की जा सके।
भाइयों की प्रतिक्रिया: याकूब के बेटे, जो खेत में काम कर रहे थे, जब इस घटना की खबर सुनी, तो वे दुखी और क्रोधित हो गए।
हमोर और शेखम का प्रस्ताव: हमोर और शेखम ने याकूब और उसके पुत्रों से विवाह की बात की, और शेखम ने दीनाह को अपनी पत्नी बनाने के लिए किसी भी प्रकार का दहेज और उपहार देने का वादा किया।
3. धोखाधड़ी और प्रतिशोध (उत्पत्ति 34:13-24)
भाइयों का छल (पद 13-17):
कपटपूर्ण योजना: याकूब के बेटे, दीनाह के अपमान का बदला लेने के लिए, शेखम और उसके पिता हमोर से छलपूर्वक कहा कि वे तभी इस विवाह को स्वीकार करेंगे जब शेखम और उसकी नगर के सभी पुरुषों का खतना कर दिया जाएगा।
शर्त: उन्होंने शर्त रखी कि अगर वे खतना कर लेंगे, तो वे उनके साथ मिलकर रहेंगे और उनके साथ विवाह संबंध बनाएंगे।#secret of faith and mercy in jesus christ.
#shivam Sonkhare, #Filadelfia Music,#Yeshua Ministries,#THE LORD IS GRACIOUS,#HOUSE OF GOD.#Masih Network,#Holy Spirit Productions,#BIBLE WORLD,#Mode of Salvation,#
सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया,#Masih Network,#Karan bhai ka chenel,#Preach The Word Deepak,#Masih NetworkAcharya Vikas Massey
#Prophet Shepherd Bushiri, #Akanesi Nofomamau,#Pastor Alph Lukau,#Prophet Shepherd Bushiri,#Ruth Emmanuel-Makandiwa,#Pastor. T Global,#Prophet Martinien Elamenji,#Eloh,#TB Joshua,#King David Omale,#Prophet junior Jeremiah,#Prophet Jeremiah Omoto Fufeyin,#CHRIST TV,#Apostle Suleman,#Benny Hinn ,#BringBackTheCross,#TB Joshua,#mightymiracles,#WatchPastorChris ,#Living Faith Church Worldwide,#PROPHET JEREMIAH OMOTO FUFEYIN.,#Christ Mercyland,#David Ibiyeomie,#Pastor Alph Lukau,#
Uebert Angel,#
हमोर और शेखम की स्वीकृति (पद 18-24):
स्वीकृति: हमोर और शेखम ने इस शर्त को स्वीकार किया और अपने नगर के सभी पुरुषों को भी इसके लिए मना लिया।
खतना का पालन: नगर के सभी पुरुषों ने खतना कराया।
4. प्रतिशोध की क्रूरता (उत्पत्ति 34:25-31)
शिमोन और लेवी का प्रतिशोध (पद 25-29):
तीसरे दिन का हमला: तीसरे दिन, जब नगर के पुरुष खतना के कारण दर्द में थे, शिमोन और लेवी ने अपनी तलवारें लीं और नगर पर हमला कर दिया।
सभी पुरुषों की हत्या: उन्होंने सभी पुरुषों को मार डाला, शेखम और हमोर को भी नहीं बख्शा, और दीनाह को शेखम के घर से ले आए।
लूटपाट: याकूब के अन्य पुत्रों ने नगर को लूटा, महिलाओं और बच्चों को बंदी बना लिया और सभी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया।
याकूब की चिंता (पद 30-31):
याकूब की चिंता: याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा कि उन्होंने उसे संकट में डाल दिया है, क्योंकि अन्य कनानी और परिजातियों के साथ उनके संबंध खराब हो सकते हैं।
भाइयों का उत्तर: शिमोन और लेवी ने जवाब दिया कि क्या उनकी बहन के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त किया जाना चाहिए था?
व्यापक महत्व:
न्याय और प्रतिशोध: यह अध्याय न्याय और प्रतिशोध के जटिल मुद्दों को उजागर करता है। शिमोन और लेवी का क्रूर प्रतिशोध दिखाता है कि कैसे व्यक्तिगत आक्रोश व्यापक हिंसा में बदल सकता है।
धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण: इस कहानी से यह भी सवाल उठता है कि क्या प्रतिशोध के रूप में हिंसा उचित है और इसके नैतिक परिणाम क्या हो सकते हैं।
परिवार और सामुदायिक संबंध: याकूब की चिंता इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे एक घटना पूरे परिवार और समुदाय के भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
व्यक्तिगत प्रतिबिंब:
उत्पत्ति 34:1-31 हमें यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि हम अन्याय के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और किस प्रकार का प्रतिशोध उचित है। यह हमें अपने कार्यों के दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में सोचने और न्याय की तलाश में संयम और विवेक का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। इस अध्याय के माध्यम से, हमें यह सिखाया जाता है कि हिंसा और क्रूरता से समस्याओं का समाधान नहीं होता, बल्कि और भी जटिलताएँ पैदा होती हैं।
-
0:12
Blessings in the Bible
9 hours ago« Le Seigneur, ma force et mon chant » Exode 15:2.#shortvideo #youtubeshorts #ytshorts #shorts #yt
-
5:31
John Rich Official
12 days agoThe Righteous Hunter by John Rich
10.4K5 -
LIVE
Rebel News
1 hour agoEby threatens to block pipeline, Guilbeault out of cabinet, Land disputes continue | Rebel Roundup
376 watching -
1:45:59
Robert Gouveia
3 hours agoAmerican Soldier DEAD! Trump Furious! Afghan 'Vetted by CIA'! Third World FREEZE!
33.3K20 -
48:48
The Culture War with Tim Pool
2 hours agoThe West Is COLLAPSING Under Mass Migration | The Culture War's Across The Pond
18.4K46 -
1:42:33
The Mel K Show
2 hours agoMORNINGS WITH MEL K - We Have Not Yet Begun to Fight - The Clock is Ticking! 11-28-25
15.9K11 -
1:25:54
Film Threat
14 hours agoHOLLYWOOD FOR SALE! BLACK FRIDAY BLOW OUT! | Film Threat Livecast
9.24K1 -
LIVE
The Shannon Joy Show
3 hours agoSJ Show Nov 28 - The SJ Friday Matinee Watch Party With Commentary Featuring The Big Short!
32 watching -
35:39
Grant Stinchfield
5 hours ago $1.51 earnedThe Medical Deep State Exposed — And McCullough Has the Receipts!
9.43K -
59:15
Trumpet Daily
2 hours ago $2.53 earnedTrumpet Daily LIVE | Nov. 28, 2025
10.1K2