Mind is everything

11 months ago
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तू जिस गति से है चला,
तू उस गति को पाएगा।
तू फूल सूंघता रहा,
तो किस गति समाएगा।
सर पे जिसके तेज और हाथ धनुष-बाण हो,
वीर उसको बोलते वो बूढ़ा हो जवान हो।
रण में जा के हो खड़ा तू चक्रव्यूह तोड़ दे,
मौत को भी मात दे तू जिंदगी मरोड़ दे।

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