आरंभ, अंत या आनंद योगेश्वर की वाणी

5 months ago
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एक दिव्या यात्रा जीवन को देखने का नया दृष्टिकोण , मित्रो ये यात्रा आपके जीवन को दिव्यता से भर देगा , यहाँ कोई प्रेरणा दायक चलचित्र नहीं है , यहाँ में आप सभी को एक दिव्या यात्रा पर ले जा रहा हूँ जिसमे आप अपने आप को जान पाएंगे अपनी उस अभा को देख पाएंगे जिसे आज तक आप ने नहीं देखा जीवन कहने को तोह हम सब जी रहे है पर क्या यहाँ जीवन है . सोच कर देखिये . नहीं दोस्तों जीवन शायद कुछ और है या यू कहू की जीवन कुछ और हो सकता है , अगर कम शब्दों में कहो तो जो भी लोग मेरे साथ इस दिव्या यात्रा पर चलेंगे वो एक बात बहुत स्पष्ट रूप से कहा पाएंगे " मई भी वाही हूँ " , "आई ऍम दैट" यह पंक्ति सुनने मे दार्शनिक लग सकती है , परन्तु में आपको दार्शनिक नहीं दृष्ट बनाना चहाता हूँ ,

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