Untangling the knort S off life ||जीवन की उलछन से बाहर कैसे निकले||सदगुरू copy paste video

5 months ago
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जीवन की उलझी डोर कैसे सुलझाएं? सद्गुरु थोड़े अचंभित हैं कि जब जीवन की डोर के दोनों सिरों को फिक्स कर दिया गया है, तो भला उसमें इतनी गांठें कैसे लग सकती हैं? वो बता रहे हैं कि गाठों के होने का आभास और उन्हें खोलने की कोशिश, दोनों ही विकृत मन की उपज हैं। जब आप अपने ही मन की रचना में बहुत उलझ जाते हैं, तब आपका सृष्टिकर्ता की भव्य रचना से चूकना तय है। #SadhguruOnLife

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