जानिए आचार्य मनीष जी से धरण को कैसे ठीक करें

4 months ago
11

सबसे पहले, सामने वाले व्यक्ति से कहें कि वह खुद को पूरी तरह से आपके हवाले कर दे।
इस प्रक्रिया में सबसे ज़रूरी बात यह है कि वह व्यक्ति अपने शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दे, किसी भी तरह की जकड़न या पकड़ न रखे।

अब आगे का उपचार ऐसे करें:

जब व्यक्ति पूरा ढीला हो जाए, तो उसके दोनों हाथों को पकड़ें और कोहनी (dolo) के ऊपर की जगह पर, जैसे हम बचपन में ‘डड्डू’ निकालते थे, वैसे ही दबाव डालें।

पहले दाएँ हाथ पर 3 बार यह प्रक्रिया करें, फिर बाएँ हाथ पर 3 बार।

ध्यान रखें – आप दोनों यानी आप और वह व्यक्ति नंगे पाँव हों, और जमीन (धरती) से पूरा संपर्क हो। यह ज़मीन की ऊर्जा को शरीर में प्रवाहित करने में मदद करता है।

यह उपाय सरल होते हुए भी बेहद असरदार है, खासकर तब जब किसी को अचानक से धारन (गैस रुक जाना, भारीपन या उल्टी जैसा महसूस होना) पड़ जाए। इस प्रक्रिया से ऊर्जा का बहाव संतुलित होता है और व्यक्ति को तुरंत राहत मिलती है।

Loading comments...