Sawan Ko Ane doo !

3 months ago
10

Sawan.. ko aane do
तुम्हें गीतों में ढालूँगा
सावन को आने दो
सावन... को आने दो
सावन... को आने दो
ओ... ओ... ओ... ओ... ओ...
हो... ओ... ओ... ओ... ओ...
हो... ओ... ओ... ओ... ओ...

झूलों की होंगी कतारें
फूलों की होंगी बहारें
सरगम के लय पे भँवरे
कलियों का घूँघट उतारें
सपने जगा लूँगा
तुमको तुम्ही से मैं एक दिन चुरा लूँगा
कब
सावन को आने दो
सावन को आने दो
-------------------
देखो ये शान हमारी
हम हैं पवन के पुजारी
धरती-गगन के मिलन की
आरती हमने उतारी
अब मैं न मानूँगा..
इस दिल के दर्पन में.. तुमको सजा लूँगा
कब
सावन को आने दो
सावन को आने दो

बादल से रस-रंग बरसे
प्यासा मन काहे को तरसे
कहती है बरखा दीवानी
गोरी सिमट नहीं डर से
अपना बना लूँगा...
दिल में बसा लूँगा...
सीने से लगा लूँगा
कब
सावन को आने दो
सावन को आने दो

Loading 1 comment...