पैर काटने की नौबत थी, लेकिन आयुर्वेद ने बचा लिया – जीना सीखो गोवा में चमत्कार!

3 months ago
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मिलिए समीर प्रभ जी से, जिन्हें गैंगरीन, पस से भरे घाव, और तेज़ दुर्गंध के चलते एलोपैथिक डॉक्टरों ने पैर काटने की सलाह दी थी। उन्हें डायबिटिक न्यूरोपैथी थी और बाएं पैर में कोई संवेदना नहीं थी। इतना सूजन था कि चलना भी मुमकिन नहीं था।

लेकिन उनकी ज़िंदगी ने मोड़ लिया जब वे जीना सीखो गोवा पहुँचे, जहाँ डॉ. अमृत और डॉ. जीवेंदर की देखरेख में आयुर्वेदिक इलाज शुरू हुआ।

देखिए क्या-क्या बदलाव हुए:
✅ बाएं पैर में फिर से संवेदना लौट आई
✅ सूजन अब काफी कम हो चुकी है
✅ दाएं पैर में भी सुधार
✅ डायबिटीज की दवाइयाँ और इंसुलिन बंद हो चुकी हैं
✅ अब केवल आयुर्वेदिक दवाएं चल रही हैं
✅ जो पहले चल नहीं पाते थे, अब चलने लगे हैं!

उनके अपने शब्दों में सुनिए ये प्रेरणादायक सफर — निराशा से आशा की ओर, सिर्फ आयुर्वेद और सही जीवनशैली बदलावों की मदद से।

इस वीडियो को ज़रूर देखें और जानें कि कैसे 'जीना सीखो' लाखों लोगों की ज़िंदगी बदल रहा है।

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