Mission Bhagavad Gita Day 25 | Shlok 1.24 | जब श्रीकृष्ण ने अर्जुन का रथ युद्धभूमि में रोका!

4 months ago
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Mission Bhagavad Gita Day 25 | Shlok 1.24 | जब श्रीकृष्ण ने अर्जुन का रथ युद्धभूमि में रोका!
Mission Bhagavad Gita – श्लोक दिवस 25
अध्याय 1, श्लोक 1.24
"एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत।
सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्॥"

भावार्थ:
जब अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि वे रथ को दोनों सेनाओं के बीच ले चलें,
तब श्रीकृष्ण — जिन्हें 'हृषीकेश' कहा गया है (इंद्रियों के स्वामी) —
ने उस दिव्य रथ को सेनाओं के बीच में स्थापित कर दिया।

📌 यह क्षण विशेष है:
👉 अर्जुन युद्ध नहीं, अपने देखना चाहता है।
👉 श्रीकृष्ण सिर्फ रथ के सारथी नहीं, जीवन के मार्गदर्शक बनते हैं।
यह श्लोक आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता और श्रीकृष्ण की मार्गदर्शक भूमिका को दर्शाता है।

🪔 आज का संदेश:
हर युद्ध से पहले आत्मनिरीक्षण करें,
और जीवन के रथ की लगाम श्रीकृष्ण को सौंप दें।
वही हमें सही दिशा में ले जाएंगे।

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जय श्रीकृष्ण! जय धर्म की विजय!
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